About Chhath Pooja:
भगवान सूर्यदेव के प्रति भक्तों के अटल आस्था का अनूठा पर्व छठ हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस साल छठ पर्व 27 अक्टूबर से 30 अक्टूबर, 2014 तक मनाया जाएगा।
छठ व्रत कथा (Chhath Vrat Katha): दीवाली के ठीक छह दिन बाद मनाए जानेवाले इस महाव्रत की सबसे कठिन और साधकों हेतु सबसे महत्वपूर्ण रात्रि कार्तिक शुक्ल षष्टी की होती है, जिस कारण हिन्दुओं के इस परम पवित्र व्रत का नाम छठ पड़ा। चार दिनों तक मनाया जानेवाला सूर्योपासना का यह अनुपम महापर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित सम्पूर्ण भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम और हर्सोल्लासपूर्वक मनाया जाता है। यूं तो सदभावना और उपासना के इस पर्व के सन्दर्भ में कई कथाएं प्रचलित हैं, किन्तु पौराणिक शास्त्रों के अनुसार जब पांडव जुए में अपना सारा राजपाट हार गए, तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा, फलस्वरूप पांडवों को अपना राजपाट मिल गया।
छठ व्रत विधि (Chhath Vrat Vidhi): कथानुसार छठ देवी भगवान सूर्यदेव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भक्तगण भगवान सूर्य की आराधना तथा उनका धन्यवाद करते हुए मां गंगा-यमुना या किसी नदी के किनारे इस पूजा को मनाते हैं। इस पर्व में पहले दिन घर की साफ़ सफाई और शुद्ध शाकाहारी भोजन किया जाता है, दूसरे दिन खरना का कार्यक्रम होता है, तीसरे दिन भगवान सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन भक्त उदियमान सूर्य को उषा अर्घ्य देते हैं। मान्यता है कि यदि कोई इस महाव्रत को निष्ठां और विधिपूर्वक संपन्न करता है तो निःसंतानों को संतान की प्राप्ति और प्राणी को सभी प्रकार के दुखों और पापों से मुक्ति मिलती है।
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