बड़ी देर का परियास था...
सपना जो खास था...
आँखों में वो आशु, पर हर दिल का विश्वास था,
उम्मीद थी हर सुबह हर इक शाम की..
देखो आ गये हैं मेरे राम जी...
सबरी के जैसे प्रभु ने, हाँ बेर खाये हैं...
तन मन हुआ पवन,
हनुमान की सेवा ले दृश्य दिखाये है...
सिघांसन ठुकराकर था भरत ने है बड़ाया मान जी...
देखो आ गये हैं मेरे राम जी...
साथ में है मैया मेरी सीता जी...
पवित्रता है रिश्तों की, जैसी पवित्र होती है गीता जी...
लक्ष्मण या हनुमान जी का साथ है ना कोई आम जी...
देखो आ गये हैं मेरे राम जी...
अयोध्या में ही नहीं, ये सारे हिंदुस्तान की दिवाली है...
22 जनवरी है 2024 तो हिंदुत्व के लिए अब बड़ी बेमिसाल है...
जग मग हो जायेगी हर साल ये शाम जी...
देखो आ गये हैं मेरे राम जी
राम राज्य की बात है...
ख़ुशी की हर सुबह, ख़ुशी की रात है...
रवि करे ये अरज़, ना खोये किसी की अब मुस्कान जी...
देखो आ गये हैं मेरे राम जी
written by: Vashisht
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